बाल कविता-246 बरियाती छमछम बरसै बरसा रानी बेंग चलल बरियाती यौ आगू दुल्हा पाछू सब छै तानि चलल बरसाती यौ पात बिछा क' छल तैयार खूबै लेल सरियाती यौ एलै अन्हर एहन तखने गेल मिझाइये बाती यौ
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