मिथिला राज्य क्रांति गीतक किछु पाँति
ककरो बात सुनब नै आब, नै करब ककरो हम काज
अपन माँथपर चाही हमरा, आब अपन ताज
दिअ मिथिला राज, दिअ मिथिला राज-2
हमरा सन धरती नै ककरो, मिठगर भाषा और कतय
हरियर लहलह खेत हमर अछि, कलकल कमला धार एतय
ककरो मूँह ताकब नै आब, नै करब ककरो हम काज
अपन माँथपर चाही हमरा, आब अपन ताज
दिअ मिथिला राज......................
अमित मिश्र
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