5.07 ईद मुबारक
सुल्तानाकेँ नवका लहंगा
तौसिफ बाबू कुरतामे
ईद मुबारक ईद मुबारक
खुशी एलैए दुरखामे
ईदगाहपर मेला लागल
पैसा भरल चुक्कामे
अब्दुल्लाकेँ प्राण टिकल छै
कंकर बला फुक्कामे
जकरा देखब व्यस्ते भेटै
अब्बा दुध्धू दूहैमे
हामिद गेलै अल्लू आनय
अम्मी सेबइ भुजैमे
इत्र लगा क' रहमत मियाँ
व्यस्ते घेंट मिलाबैमे
बड़का अब्बा दौड़ लगाबय
ईदी आइ पहुँचाबैमे
मजा दुगुन्ना ईदक होइ छै
मनसँ द्वेष मेटाबैमे
मीठ सेबइमे प्रेम सानि क'
शत्रुकेँ दोस्त बनाबैमे
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