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शनिवार, 28 जुलाई 2018

एहन कने जँ होइतै

5.08 एहन कने जँ होइतै

एहन कने जँ होइतै कहियो
चान उतरि धरतीपर अबितै
खेती एहन जँ होइतै कहियो
सभ तरेगण बीया बनितै

बाकसमे बन्न वर्षा रहितै
बिजलौका घर जगमग करितै
ताप छोड़ि क' सूरज अबितै
हमरा संगे लंगड़ी खेलितै

चन्द्रलोक धरि सीढ़ी बनितै
सभ पुर्णिमा मेला लगितै
घूमै लेल सभ ओतै चलितै
सचमे मजा त' बहुते अबितै

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