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शुक्रवार, 3 अगस्त 2018

सपना हमर

5.19 सपना हमर

सपना हमर एक
दुनियाँ सुधारि दी
हरियर गाछ-बिरिछ
सगरो पसारि दी

सपना हमर एक
घोसला हजार होइ
ठाढ़ि-ठाढ़ि लागल
ओकरे बजार होइ

सपना हमर एक
भूखल ने लोक होइ
हँसै आ हँसबैपर
कोनो ने रोक होइ

सपना हमर एक
कियो ने लचार होइ
दुख केर चेन्ह नै
सुखमय संसार होइ

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