2.51
बात किछु तऽ घरमे खास भेलै
ओहिना तऽ नै उपवास भेलै
मनक बीच दूरी बढ़ल शाइद
पड़ल चुप्प आँगन, मास भेलै
स्वप्न अजगुते सन देखलौं हम
गाम शहर लाशे लाश भेलै
राति खूब भारी बनल ओकर
जकर समयपर नै चास भेलै
छोड़ि काँटकेँ कतऽ जा सकब सखि
ई गुलाब सौमे उनचास भेलै
2121-2221-22
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