बाल कविता-162
इंजन गुरूवर डिब्बा चेला
इंजन गुरूवर डिब्बा चेला
देखू देखू रेलक खेला
इंजन करय हवासँ बात
पाछू डिब्बा एक सए सात
आगू इंजन बाट देखाबय
पाछू डिब्बा डेग बढ़ाबय
जै दिन छोड़य दुनू साथ
पीटय दुनिया ओइ दिन माथ
तेँ बौआ गुरूवर संग रहू
जीवनमे नव इतिहास रचू
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