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शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2015

भगवती गीत- विपति पड़ल घनघोर

विपति पड़ल घनघोर हे गे मैया
विपति पड़ल घनघोर
सूझय ने बाट अघोर हे गे मैया
सूझय ने बाट अघोर

तोहर महिमा के ने जानै ये
देवतो सब माँ, तोरे पूजै ये
दुखहरनी तूँ बेजोड़ हे गे मैया
दुखहरनी तूँ बेजोड़

तोरे दया माँ, बचेने ये धरती
पाप बहुत भऽ, रहल कम भगती
तोरेसँ साँझ आ भोर हे गे मैया
तोरेसँ साँझ आ भोर

बारने दुनियाँ, आशा तोरे ये
हमर बिपदा माँ, किओ ने सुनै ये
आबि उठा लेने कोर हेगे मैया
आबि उठा ले ने कोर

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