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गुरुवार, 26 मई 2016

आबें सुगबा आबें रौ

आबें सुगबा आबें रौ
बाल गीत/कविता-243



आबें सुगबा आबें रौ
दूर कतौ नै भागें रौ
पूरी बुनियाँ आर जिलेबी
चूसि चूसि क' पाबें रौ

लाले लोल लगै छौ सुन्दर
नीक लगै छौ रोइयाँ हरियर
देबौ तोरा त' लाल टमाटर
अबिहें साँझ अबिहें भिनसर
आबें सुगबा आबें रौ
दूर कतौ नै भागें रौ

हमरे संग तूँ सुतिहें भीतर
चलिहें स्कूल पढ़िहें आखर
एथुन सरजी वर्गक भीतर
कहिहें गुड मॉर्निंग टीचर
आबें सुगबा आबें रौ
दूर कतौ नै भागें रौ

पढ़ि क' हम हेबौ अफसर
भेंटतौ ऑफिस खूबे नम्हर
बैसल रहिहें टेवल ऊपर
खैहें खूबे लाल टमाटर
आबें सुगबा आबें रौ

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