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मंगलवार, 24 मई 2016

बुच्ची छै भगवत्ती सन

बाल कविता-241
बुच्ची छै भगवत्ती सन

हरियर खसखस लत्ती सन
भुक भुक बरैत बत्ती सन
हमर बौआ राजा बाबू
बुच्ची छै भगवत्ती सन

नै छै कियो अगत्ती सन
नै छै गोस्सा रत्ती सन
हमर बौआ फूल बाबू
बुच्ची छै फूलपत्ती सन

तेज बूधि छै पत्ती सन
चर्चा पसरल लत्ती सन
बौआ हमर सोना बाबू
बुच्ची छै भगवत्ती सन

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