सबपर चढ़ल नशा
भूजल किछु माँउसक बुट्टी
ताहिपर छल भाँगक घुट्टी
आ भौजीक हाथ पिचकारी
लागै भेलै सब लाजक छुट्टी
संग सारि सेहो दस-दस टा
लेने रंग-अबीर भरि मुट्ठी
लागै दिनेमे देखै छी सपना
किओ काट आबि कऽ चुट्टी
कनियाँ जे रूपक प्रियगर
कोना खराप केलक ब्यूटी
रंग लाल-पियर-हरियर
देह संग राँगल छल जुट्टी
छल सार बनल अलबटहा
पी-पी कऽ शराबक घुट्टी
ने माए-बाप बुझै नै भैया
पकड़ि लै बाइजीक जुट्टी
सबपर चढ़ल फागक नशा
ककरो ऊपर ककरो तरघुसकी
हम खा कऽ खूब मलपूआ
बैसल मारै छी मुस्की
अमित मिश्र
भूजल किछु माँउसक बुट्टी
ताहिपर छल भाँगक घुट्टी
आ भौजीक हाथ पिचकारी
लागै भेलै सब लाजक छुट्टी
संग सारि सेहो दस-दस टा
लेने रंग-अबीर भरि मुट्ठी
लागै दिनेमे देखै छी सपना
किओ काट आबि कऽ चुट्टी
कनियाँ जे रूपक प्रियगर
कोना खराप केलक ब्यूटी
रंग लाल-पियर-हरियर
देह संग राँगल छल जुट्टी
छल सार बनल अलबटहा
पी-पी कऽ शराबक घुट्टी
ने माए-बाप बुझै नै भैया
पकड़ि लै बाइजीक जुट्टी
सबपर चढ़ल फागक नशा
ककरो ऊपर ककरो तरघुसकी
हम खा कऽ खूब मलपूआ
बैसल मारै छी मुस्की
अमित मिश्र
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