भोथ धार
कतौ हड़ताल कतौ धरना
अपने नै दोसरोकेँ अंगना
बनबऽ चाहै छथि राज अपन
तेँ करै छथि जहिं-तहिं अनसन
कतौ कथा कतौ कविता गोष्ठी
जरबै छै कोनो पर्वक बाती
दीर्घायु करै लेल भाषा अपन
बैसार करै छथि क्षणे-क्षण
पुरस्कार ,भाषण आ नीक भोजन-साजन
नृत्य लीला आ गायन-वादन
आन भाषा-भाषी नेतासँ उद्घाटन
इएह नियम सब सम्मेलनमे पालन
जंतर-मंतर वा कोनो चौकपर जाइ छथि पसरि
दिन भरि बैसल चिकरैत सरकारसँ झगड़ि
साँझ पड़िते बिसरि जाइ छथि राजक माँग
भाषो बिसरै छथि चढ़िते लोटा भरि भाँग
फूसिये करै छथि एते हल्ला
बाजै नै जँ भाषा हुनके लल्ला
तेँ चमकै छै मात्र संघर्षक हथियार
मुदा छै एकर भोथ भेल धार ।
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