महिरम
आन्दोलनक धधकैत आगिमे
जरि रहल अछि मिथिलाक सपूत
एहि पार, ओहि पार समवेत स्वरसँ
मिथिलामय भेल अछि वातावरण
एहि पावन हवण यज्ञक सपलताक बाटपर
कतेको वाधा-विध्न गोबरछत्ता सन जनमल
आ जरूरति पड़ि रहल कोनो रामक
मुदा रामक जनमसँ पहिने
आन्दोलन चलत, तीव्र वेगसँ चलैते रहत
राक्षसी शक्तिक वाधा सदिखन भेटतै
लड़ैत -लड़कै मरत मिथिलाक सपूत
मुदा ओ रक्तबीज बनि कऽ मरत
ओकर एक ठोप खूनसँ जनमतै लाखो सपूत
नव ताकत संग बनतै कतेको आन्दोलनी
तखन मैथिल-मिथिलाक बाटमे
वाधा पहुँचाबै बला बुझतै एकर महिरम
अमित मिश्र
आन्दोलनक धधकैत आगिमे
जरि रहल अछि मिथिलाक सपूत
एहि पार, ओहि पार समवेत स्वरसँ
मिथिलामय भेल अछि वातावरण
एहि पावन हवण यज्ञक सपलताक बाटपर
कतेको वाधा-विध्न गोबरछत्ता सन जनमल
आ जरूरति पड़ि रहल कोनो रामक
मुदा रामक जनमसँ पहिने
आन्दोलन चलत, तीव्र वेगसँ चलैते रहत
राक्षसी शक्तिक वाधा सदिखन भेटतै
लड़ैत -लड़कै मरत मिथिलाक सपूत
मुदा ओ रक्तबीज बनि कऽ मरत
ओकर एक ठोप खूनसँ जनमतै लाखो सपूत
नव ताकत संग बनतै कतेको आन्दोलनी
तखन मैथिल-मिथिलाक बाटमे
वाधा पहुँचाबै बला बुझतै एकर महिरम
अमित मिश्र
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