बाल कविता-61
सर्कसमे हंगामा
मुसबाकें बदमाशी जागल
छोड़ि बस्ता इस्कूलसँ भागल
किछु मीत संग बनबैत रेल
खाइत आइसक्रीम सर्कस गेल
हाथी नाँचै किरकेट खेलै
बानर साइकिल रेस करै
आगि छोड़ैत बिलैया एलै
मुसबाकें देह काँपऽ लागलै
जान बचा कऽ मुसबा भागल
खाम्ह टूटल पंडालो खसल
माँथ पीटै छल मालिक मामा
सर्कसमे मचि गेल हंगामा
अमित मिश्र
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