बाल कविता-62
सुग्गाक जबाब
सुग्गा राजा सुग्गा राजा
मिरचाइ किए खाइ छी ?
जाड़ रहै वा दाही-रौदी
भोरे किए उठि जाइ छी ?
टुह-टुह लाल ठोर अहाँक
पान चोरा कऽ खाइ छी ?
बौआकें नै कऽरू लागै
तें करूगर हम खाइ छी
भोरे उठि बौआ पढ़ऽ जेतै
उठबै लेल उठि जाइ छी
पानसँ नै लाल ठोर मोर
कखनो कऽ रसना खाइ छी
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें