गजल-2.26
कने मीठ कने तीत छी
अहाँ हमर अपन मीत छी
किओ तोड़ि सकत नै सखा
अहाँ आँङुर हम बीत छी
हमर ठोर परक भाव बनि
गुनगुनाइत नव गीत छी
अहाँ रहब जतय, रहब हम
अहाँ धाह तँ हम शीत छी
अहाँ तजि हमरा जीब नै
अहाँ हारि तँ हम जीत छी
12-2112-212
कने मीठ कने तीत छी
अहाँ हमर अपन मीत छी
किओ तोड़ि सकत नै सखा
अहाँ आँङुर हम बीत छी
हमर ठोर परक भाव बनि
गुनगुनाइत नव गीत छी
अहाँ रहब जतय, रहब हम
अहाँ धाह तँ हम शीत छी
अहाँ तजि हमरा जीब नै
अहाँ हारि तँ हम जीत छी
12-2112-212
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