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गुरुवार, 9 जुलाई 2015

कविता- वर्णमाला : त

बाल कविता-193
वर्णमाला : त


"त'सँ ताला बड अनमोल
दमगर छेँ तऽ एकरा खोल

चोर चोराबय अन धन सोनमा
लोढ़ि बीछ लऽ जाए घर अंगना
लुटलकल टाका गहना ढोल
बूझि लिआ ताला केर मोल

गाड़ीमे छल ताला लागल
तेँ ने चोरबा लऽ नै भागल
बन्द कोठरीमे बचल डोल
तेँ ने ताला बड अनमोल

पेटी कपड़ा गहना बाला
घरसँ निकलू मारू ताला
बादमे नै करब अनघोल
"त"सँ ताला बड अनमोल


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