छठिक संग हमर ई अनुष्ठान संपन्न भेल ।वर्णमाला अक्षरसँ चलि रहल बाल कविता श्रृंखलाक अंतिम वर्ण आइ परसि रहल छी ।ई पूरा श्रृंखला केहन लिखेलै आ एकरा पुस्तकाकार देलासँ किछु लाभ हेतै कि नै ? संग सुझाबक बाट जोहब ।
बाल कविता -220
'ज्ञ'सँ ज्ञानी बाँटथि ज्ञान
दुनियाँ हुनक करै सम्मान
ओ करथि विद्या केर दान
सब कहय हुनका गुणवान
मेहनति कऽ ज्ञान अरजलनि
तकरा मेहनतसँ बाँटैत रहलनि
घटलनि किछु नै बढ़िते गेलनि
मधुर बाजि कऽ मोन लोभेलनि
बौआ-बुच्ची आब संगे चलब
मोन लगा हमरे संग पढ़ब
देश-विदेशमे नाम कमायब
ज्ञानी बनी कऽ इज्जत पायब
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