गजल
किछु एहन सन अपन वेलेंटाइन हेतै
प्रेमक अनुबन्धपर दू टा साइन हेतै
किछु माँगब नै अहाँँ, किछु देबो नै करबै
बिनु कहने सब लुटाबै केँ माइन हेतै
हम राखब छोड़ि देने छी काजर सुइया
प्रियतम छै संग, नै कोनो डाइन हेतै
ई दुनियाँ नै हमर छै नै तोहर मीता
हम तोहर छी हमर तूँ, ई माइन हेतै
चल सजतै अपन नेहक आँगन फेरो
जत' जीवनक स्वादो नै अकथाइन हेतै
2222-1222-2222
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें