5.52 मच्छर मार अभियान
ठीक अधरतिया सभ छल सूतल
भेलै तखने शोर
सगरो घर अनघोल भ' गेलै
ताली बाजल जोर
बहुत नीक छल सपना तखन
छलहुँ चानक पार
सुग्गा जकाँ अकासमे विचरण
छल परीक संसार
ओहि तालीसँ नीन उचटि गेल
जागल मम्मी सेहो
ताली बजबैत हकमैत पापा
कूदै छल बड देहो
मम्मी पुछलक अधरतियामे
किए बजाबी ताली
मच्छर मार अभियान चलल छै
बुझलौं यै घरवाली
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