बाल रुबाइ-31
जोतल खेतमे दौड़ैत बड खेललौं
लागल चोट नै जँ ठोकरसँ खसि पड़लौं
लागल मोन एते चिड़ियाँ एतऽ जते
कसरत भेलै हमर अहाँ सूतल रहलौँ
जोतल खेतमे दौड़ैत बड खेललौं
लागल चोट नै जँ ठोकरसँ खसि पड़लौं
लागल मोन एते चिड़ियाँ एतऽ जते
कसरत भेलै हमर अहाँ सूतल रहलौँ
बाल रुबाइ-32
कदिमाक लत्ती भरि बाड़ीमे लतरल
हरियर हरियर सजिमनि चारपर लटकल
कतऽ जाकऽ खेलब मारै छी हम छक्का
सदिखन हमर गेन तँ लत्तीमे अटकल
बाल रुबाइ-33
हरियर पियर काँच पाकल मिठका आम
बिज्जू मालदह लाले सिनुरिया आम
झटहा मारै दाइ झटहा उपर लटकल
खसबो केलै तँ कौआक जुट्ठा आम आम
बाल रुबाइ-34
ऐ गाछसँ ओ गाछपर कूदै बानर
जामुन तोड़ि तोड़ि फेर फेकै बानर
टूटल ठाढ़ि तँ खसलै धम्म दऽ माटिपर
चोटो खा फेर गाछपर चढ़ै बानर
बाल रुबाइ-35
छै जंगलापर ठाढ़ बौआ छऽड़ पकड़ि
बाहरक फूल तोड़ऽ चाहै हाथ नमरि
छै खेल रहल गाछ बौआ संग खेल
रगड़ा लऽ हवासँ दूर भऽ जाइ छै सम्हरि
बाल रुबाइ-36
नेना टहलै जुत्ता बाजै पोँ पोँ कऽ
सुनिते पाछू ताकै अटकी- मटकी लऽ
देखै पाछू दौड़ै आगू तेँ खसल
कानै फेरो खाटक पौआ जोरसँ धऽ
बाल रुबाइ-38
डबरा भरल कुम्भी बेँग कुदै ताहिपर
गेना गाछ भरिगर कुकुर मुतै ताहिपर
आदति चलते सब बाझल एक्कै ठाम
राँगल छल कोठी बिलाइ सुतै ताहिपर
बाल रुबाइ-39
जागल सुरुज लाल भऽ भेलै आब भोर
सोना हमर चान आब बिछौना छोड़
तोरा लेल राखल छौ हलुआ पूरी
नैना खोलि देख छै कुसियारक पोर
बाल रुबाइ-40
बुचियाक हँसी बुझू सिंगरहार फूल
आँखिक नटखटपन छै नेनपनक मूल
बाजब कने तोतराह मुदा बड मधुर
नै नजरि लागै ककरो नै गड़ै शूल
कदिमाक लत्ती भरि बाड़ीमे लतरल
हरियर हरियर सजिमनि चारपर लटकल
कतऽ जाकऽ खेलब मारै छी हम छक्का
सदिखन हमर गेन तँ लत्तीमे अटकल
बाल रुबाइ-33
हरियर पियर काँच पाकल मिठका आम
बिज्जू मालदह लाले सिनुरिया आम
झटहा मारै दाइ झटहा उपर लटकल
खसबो केलै तँ कौआक जुट्ठा आम आम
बाल रुबाइ-34
ऐ गाछसँ ओ गाछपर कूदै बानर
जामुन तोड़ि तोड़ि फेर फेकै बानर
टूटल ठाढ़ि तँ खसलै धम्म दऽ माटिपर
चोटो खा फेर गाछपर चढ़ै बानर
बाल रुबाइ-35
छै जंगलापर ठाढ़ बौआ छऽड़ पकड़ि
बाहरक फूल तोड़ऽ चाहै हाथ नमरि
छै खेल रहल गाछ बौआ संग खेल
रगड़ा लऽ हवासँ दूर भऽ जाइ छै सम्हरि
बाल रुबाइ-36
नेना टहलै जुत्ता बाजै पोँ पोँ कऽ
सुनिते पाछू ताकै अटकी- मटकी लऽ
देखै पाछू दौड़ै आगू तेँ खसल
कानै फेरो खाटक पौआ जोरसँ धऽ
बाल रुबाइ-38
डबरा भरल कुम्भी बेँग कुदै ताहिपर
गेना गाछ भरिगर कुकुर मुतै ताहिपर
आदति चलते सब बाझल एक्कै ठाम
राँगल छल कोठी बिलाइ सुतै ताहिपर
बाल रुबाइ-39
जागल सुरुज लाल भऽ भेलै आब भोर
सोना हमर चान आब बिछौना छोड़
तोरा लेल राखल छौ हलुआ पूरी
नैना खोलि देख छै कुसियारक पोर
बाल रुबाइ-40
बुचियाक हँसी बुझू सिंगरहार फूल
आँखिक नटखटपन छै नेनपनक मूल
बाजब कने तोतराह मुदा बड मधुर
नै नजरि लागै ककरो नै गड़ै शूल
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