बाल कविता-14
इस्कूल जेबै गै
पोथी कीन दे ,कोपी कीन दे
नीक-नीकुत किछु बना दे गै
अंगा सिया दे ,नव पेन्ट मँगा दे
आइसँ हम इस्कूल जेबै गै
रिक्शा नै कर ,साइकिन नै दे
पएरेसँ दौड़ैत चलि जेबै गै
साँझ फेर दौड़ले चलि एबौ
चलि-चलि सेहत बनेबै गै
गाछ तऽर बोरा बिछा कऽ
सबहक संग मिल पढ़बै गै
सबटा सबक झटपट बना कऽ
बिनु झगड़ा केने खेलबै गै
नाम करब तोहर हम जननी
सबहक खुशी हम बनबै गै
जल्दी-जल्दी कर ,हेतै देरी
आइसँ हम इस्कूल जेबै गै
अमित मिश्रamit
इस्कूल जेबै गै
पोथी कीन दे ,कोपी कीन दे
नीक-नीकुत किछु बना दे गै
अंगा सिया दे ,नव पेन्ट मँगा दे
आइसँ हम इस्कूल जेबै गै
रिक्शा नै कर ,साइकिन नै दे
पएरेसँ दौड़ैत चलि जेबै गै
साँझ फेर दौड़ले चलि एबौ
चलि-चलि सेहत बनेबै गै
गाछ तऽर बोरा बिछा कऽ
सबहक संग मिल पढ़बै गै
सबटा सबक झटपट बना कऽ
बिनु झगड़ा केने खेलबै गै
नाम करब तोहर हम जननी
सबहक खुशी हम बनबै गै
जल्दी-जल्दी कर ,हेतै देरी
आइसँ हम इस्कूल जेबै गै
अमित मिश्रamit
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