बाल कविता-29
जनमदिनक शुभकामना
जनमदिन जे रामक एलै
बनलै अगबे मधुर-मिष्ठान
पात-पात हँसि-हँसि कऽ झूमै
नाचै मोर, छेड़ै कोइली तान
कनियाँ-मनियाँ लड्डू बाँटथि
ठुमकि-ठुमकि कऽ चलथि भगवान
जखने रामके मधुर मुस्की छूटल
काँपल रावण देलक पतनुकान
मातृ-पितृ भक्त, मर्यादा पुरूषोतम
बाल-गोपल बनब ओहने महान
सब साल आबि मेटाबू सघन तम
जनमदिनक शुभकामना अछि भगवान
अमित मिश्र
जनमदिनक शुभकामना
जनमदिन जे रामक एलै
बनलै अगबे मधुर-मिष्ठान
पात-पात हँसि-हँसि कऽ झूमै
नाचै मोर, छेड़ै कोइली तान
कनियाँ-मनियाँ लड्डू बाँटथि
ठुमकि-ठुमकि कऽ चलथि भगवान
जखने रामके मधुर मुस्की छूटल
काँपल रावण देलक पतनुकान
मातृ-पितृ भक्त, मर्यादा पुरूषोतम
बाल-गोपल बनब ओहने महान
सब साल आबि मेटाबू सघन तम
जनमदिनक शुभकामना अछि भगवान
अमित मिश्र
बहुत सुंदर कविता, प्रभु राम को नमन
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद
जवाब देंहटाएं