बाल कविता-37
हम नै खेलौं लीची यौ
सुग्गा खाइ यै, मैना खाइ यै
हम नै खेलौं लीची यौ
इस्कूलोमे सब संगी खेलक
हमरो मोहि लेलक लीची यौ
लाल-लाल जेना तऽरल मूड़ा
तऽरमे उज्जर जेना दूध-मलाइ
मीठका रस जेना दैवक सुधा
लेर चुबै यै, मोन होइ खाइ
आइये चलि जाउ मुजफ्फरपुर
लऽ आनू गाछी कीन भरपूर
बिन लीची बनब खुरलुच्ची यौ
हम नै खेलौं लीची यौ
अमित मिश्र
हम नै खेलौं लीची यौ
सुग्गा खाइ यै, मैना खाइ यै
हम नै खेलौं लीची यौ
इस्कूलोमे सब संगी खेलक
हमरो मोहि लेलक लीची यौ
लाल-लाल जेना तऽरल मूड़ा
तऽरमे उज्जर जेना दूध-मलाइ
मीठका रस जेना दैवक सुधा
लेर चुबै यै, मोन होइ खाइ
आइये चलि जाउ मुजफ्फरपुर
लऽ आनू गाछी कीन भरपूर
बिन लीची बनब खुरलुच्ची यौ
हम नै खेलौं लीची यौ
अमित मिश्र
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