80. पाथर
- आइ अहाँकेँ देख घृणा होइत अछि हमरा ।
- से किए यै ?पत्नीकेँ पतिसँ घृणा. . .आश्चर्य . . .
- आइ केवल दू हजार टाका चलते रोगीक अपरेशन नै केलौं ।बेचारा छटपटाइत मरि गेल ।
- एहिमे घृणाक कोन बात छै ? ई हमर धन्धा अछि ।
- अहाँ एतेक पाथर करेज छी से आइ बुझलौं ।लोक अनेरे अहाँक नाम जपैए ।
- अनेरे नै, ठीके नाम जपैए ।अहाँकेँ बुझल नै अछि, कलयुगमे पाथरेकेँ सबसँ बेसी धूप-आरती देखाओल जाइ छै ।पाथरेक पूजा होइ छै तेँ पाथरे बनल रहू ।
अमित मिश्र
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