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मंगलवार, 13 अगस्त 2019

दया करू

बाल कविता-5.37
दया करू

हम छी नेना, बस्ता भारी
दया करू कने दया करू
बैग लागय जेना रेलगाड़ी
दया करू कने दया करू

उठि क' भोरे करी तैयारी
दया करू कने दया करू
खन अपने खन बैग सम्हारी
दया करू कने दया करू

भरि दिन पोथी हम निहारी
दया करू कने दया करू
छुट्टी दिअ, रहब आभारी
दया करू कने दया करू

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