5.50 वानर जीक पकौड़ी
बाहर बर्षा बरसि रहल छल
भिजैत वानर घरपर पहुँचल
वनरनीसँ कहलक वानर
बड सुन्दर मोसम छै बाहर
थरथर थरथर देह काँपैए
गत्तर गत्तर जाड़ लागैए
एहि मोसममे सुआद आनू
गरमा गरम पकौड़ी छानू
वनरनी तामसमे बाजल
लागि रहल भेलौंए पागल
बेसन प्याज जँ नै आनलौं
कोन मुँहसँ ई सभ बाजलौं
वानर जीक मुँह भेल बंद
सुन्दर मोसम भ' गेल मंद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें