ज्ञानक देवी माँ शारदेक चरणमे एकटा तुच्छ गीत
ज्ञान दायनी ,तम नाशिनी ,ज्ञानक इजोत देखाबू ने
माँ आबू ने ,आबू ने ,सरस्वती माँ आबू ने
भटकि रहल अज्ञान सिन्धुमे कोनो नाह देखाबू ने
लय हीन हम गीत बनल छी ,सुन्नर धुनसँ सजाबू ने-2
वीणा वादिनी ,पुस्तक धारिनी ,पोथी खोलि पढ़ाबू ने
माँ आबू ने आबू . . . . . . . . .
शान्तिस्वरूपा हे जगजननी शान्ति दीप जराबू ने
पशु मुर्ख जकाँ करैए मानव ,ओकरा मनुख बनाबू ने
हंस वाहिनी ,हे महरानी "अमित"क आश पुराबू ने
माँ आबू ने आबू ने सरस्वती माँ आबू ने
अमित मिश्र
ज्ञान दायनी ,तम नाशिनी ,ज्ञानक इजोत देखाबू ने
माँ आबू ने ,आबू ने ,सरस्वती माँ आबू ने
भटकि रहल अज्ञान सिन्धुमे कोनो नाह देखाबू ने
लय हीन हम गीत बनल छी ,सुन्नर धुनसँ सजाबू ने-2
वीणा वादिनी ,पुस्तक धारिनी ,पोथी खोलि पढ़ाबू ने
माँ आबू ने आबू . . . . . . . . .
शान्तिस्वरूपा हे जगजननी शान्ति दीप जराबू ने
पशु मुर्ख जकाँ करैए मानव ,ओकरा मनुख बनाबू ने
हंस वाहिनी ,हे महरानी "अमित"क आश पुराबू ने
माँ आबू ने आबू ने सरस्वती माँ आबू ने
अमित मिश्र
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