गजल-2.
हमर गजल खूब बेकार लगैए
वा कलमे हमर धरदार लगैए
भीजल लागैत अछि आँखिक पिपनी
मनक धुआँ उठल धुड़झाड़ लगैए
मैथिल शोणित मुदा बाजब हिन्दी
निज घरमे जनि बलत्कार लगैए
नैन खुजल अछि मुदा गायब डिब्बा
लेखनमे बड चमत्कार लगैए
ठोरक मुस्की तँ डेराउन लागय
बोल मुदा चाशनी धार लगैए
लुबधल अछि पात बड गाछक बाहर
भीतरमे द्वन्द अतिचार लगैए
2112-2122-1122
हमर गजल खूब बेकार लगैए
वा कलमे हमर धरदार लगैए
भीजल लागैत अछि आँखिक पिपनी
मनक धुआँ उठल धुड़झाड़ लगैए
मैथिल शोणित मुदा बाजब हिन्दी
निज घरमे जनि बलत्कार लगैए
नैन खुजल अछि मुदा गायब डिब्बा
लेखनमे बड चमत्कार लगैए
ठोरक मुस्की तँ डेराउन लागय
बोल मुदा चाशनी धार लगैए
लुबधल अछि पात बड गाछक बाहर
भीतरमे द्वन्द अतिचार लगैए
2112-2122-1122
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