प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

बुधवार, 17 जून 2015

वर्णमाला : अं

बाल कवीता - 182
वर्णमाला : अं


'अं'सँ अंगूर
सुप्पक अंगूर
भालूक घरपर
देखलक लंगूर

देखिते मुँहमे
एलै पानि
चोरा कऽ तोड़लक
मिठगर जानि

खुशी मगन भऽ
गेलै घर
धोइ-धाइ आनलक
नम्हर फर

मुँहमे जखने
देलकै एकटा
मुहँ विधुएलै
लगलै खट्टा

पाइक कीन कऽ
खैतय लंगूर
तखने लागतै
मीठ अंगूर


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