प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

मंगलवार, 16 जून 2015

वर्णमाला : औ

बाल कवीता -181
वर्णमाला : औ


'औ'सँ औरा होइ छै बाउ
साँझ-भोर कऽ खूबे खाउ
बड गुणगर तेँ लाभ उठाउ
सब बिमारी दूर भगाउ
एकर मोरब्बा खूबे खाउ
वा हलुआ अचार बनाउ
कने कऽ चटनी अहाँ खाउ
आँखिक रोशनी खूब बढ़ाउ


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